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Thursday, December 30, 2010

बर्फ गर्म है




बर्फ की वादियों में
धुंआ और भाप
क्या बर्फ गर्म है //

ओठ सिले
आँखें नम
क्या बर्फ गर्म है //

रोड़ेबाजी
गोलियों की तडतड़ाहट
क्या बर्फ गर्म है //

सूखे सेव /अखरोट
और पत्ते विहीन चिनार
क्या बर्फ गर्म है //

सच है ॥
बर्फ की तासीर गर्म होती है //

13 comments:

  1. वाह बबन जी, कितने सरल शब्दों में कितनी गहरी बात कह दी आपने.................बहुत खूब...................काश बर्फ की तासीर थोड़ी ठंडी हो जाए !!!!

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  2. bahut hi accha expression sach hai ki barf bahut zyada hi garm hai

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  3. गहरी कविता, संक्षेप में।

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  4. barf garm aur aag thandhi hoti ja rahi hai.

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  5. सच है.
    बर्फ तो पिघल जाती है.
    वादी तो दशकों से जमी हुई है. .....................
    .....................
    बहुत सुन्दर बबन जी. दिल को छूने तथा दिमाग को सोचने पर मजबूर करनेवाली कविता है.

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  6. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द ...।

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  7. आदरणीय ब्लागमित्र

    नमस्कार और नये साल की शुभकामनाऐं

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  8. बर्फ की तासीर गर्म है...सुन्दर पंक्तियाँ।

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  9. रोड़ेबाजी
    गोलियों की तडतड़ाहट
    क्या बर्फ गर्म है

    सच है ॥
    बर्फ की तासीर गर्म होती है

    बहुत सुंदर रचना . बधाई .

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  10. भावपूर्ण अभिव्यक्ति ,बधायी ।
    नव वर्ष शुभ हो !

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  11. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द|आपको नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें |

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  12. आपको तथा आपके परिवार के सभी जनों को वर्ष २०११ मंगलमय,सुखद तथा उन्नत्तिकारक हो.

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