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Thursday, December 30, 2010

बर्फ गर्म है




बर्फ की वादियों में
धुंआ और भाप
क्या बर्फ गर्म है //

ओठ सिले
आँखें नम
क्या बर्फ गर्म है //

रोड़ेबाजी
गोलियों की तडतड़ाहट
क्या बर्फ गर्म है //

सूखे सेव /अखरोट
और पत्ते विहीन चिनार
क्या बर्फ गर्म है //

सच है ॥
बर्फ की तासीर गर्म होती है //

Wednesday, December 29, 2010

दोस्त खोजने में मदद करे


मेरा दोस्त खो गया है
रुको दोस्त , रुको
इन फिजाओं में ये महक कैसी
यह तो मेरे दोस्त की है
वह यहीं कहीं है
फूलों में खोजना
वह फूलों जैसी ही है
चिड़ियों के झुंडो में खोजना
बुलबुल जैसी चहकती है वह //

Tuesday, December 28, 2010

बेताबे -दिल


ओ मेरे बागे बहार
तुम्हें न देख दिल नाशाद है
ओ मेरे बहारे चमन
कितनी करू सजदा
अब मिलने को दिल बेताब है //

A clay pot having honey is better than a golden pot having poison
not our outer glamour , but our inner virtues makes us valuable...

हवा ! मुझे माफ़ कर दो


ओ री हवा
दोस्त तो हजारों में है
मगर निभाई सिर्फ तुमने //

तुम ही एक हो
जो मेरे घर आती हो
कभी खिडकियों से
कभी दरवाजों से
और प्यार की एक चप्पी दे
नींद में सुला देती हो //

बादलों को भी साथ लाती हो
मेरे घर की बगीया
हरी -भरी करने के लिए //

मेरे फेफड़ों को
मजबूत करने वाली हवा
मैं अपनी दोस्ती ठीक से नहीं निभा रहा
प्रदूषित कर रहा हूँ मैं
आदमी जो ठहरा
हवा का मोल नहीं समझता //

Sunday, December 26, 2010

मोमबत्ती


जन्म क्या हुआ
बच्चे का
समय की एक
जलती हुई मोमबत्ती
प्रभु ने साथ में थमा दी //

अनवरत , अविरल ,अबूझ
समय की मोमबत्ती को
जिसने पहचाना
उसने ही पार की वैतरणी //

Friday, December 24, 2010

याद


तेरी आंखों की मौन भाषा
गुलाबी लवों पर कब आएगी
मुझे क्या पता था
तुम्हारी यादें
रातों की नींद चुरा ले जायेगी //

Thursday, December 23, 2010

नदी (बाल -कविता )


मुझसे तुम बहना सीखो
सीखो जीना -मरना
सभ्यता जन्मी मेरे तट पर
ऐसा सबका कहना //

संकुचित कर मेरे मार्ग को
है मानव ने रोका
बाढ़ , कटाव और प्रदूषण
अब होगा सब सहना //

जीवनदायनी हूँ मैं सबकी
पशु ,पक्षी और मानव
मत फेको कचड़ा मुझमे
नहीं तो होगा रोना //

Wednesday, December 22, 2010

मौसम ने ली अंगडाई ( बाल -कविता )


पीला है अमलतास
लाल-लाल है गुलमोहर
मौसम ने ली अंगडाई
देखो, बच्चो जी भरकर //


पीली सरसों,श्यामल अलसी
कृष्ण की याद दिलाये
शहतूतो पर कोकून देख
खुश हुए है बुनकर //

कोयल बोले कुहू -कुहू
फूलों की लड़ी लगी है
मचल उठे है तितलियाँ
भौरे की गुंजन सुनकर //

Tuesday, December 21, 2010

मौसम का डिमांड है ( बाल -कविता )


छुई -मुई करती जाड़ा आया
कुहासे की उजली चादर बिछाया
घर के पंखे में लग गया ताला
अब धूप का ही होगा बोलबाला
सर्दी पर किसी का नहीं कमांड है
स्वेटर /कम्बल /सूट खरीदो
मौसम का यही डिमांड है //

Sunday, December 19, 2010

गोदावरी --दक्षिण की गंगा


उत्तर भारत में गंगा जिस प्रकार पवित्र है उसी प्रकार दक्षिण में गोदावरी । यह हिन्दुओ का पवित्र तीर्थ स्थल भी है /
इसके किनारे बहुत सारे तीर्थस्थल अवस्थित है /
यह महारास्त्र के त्रिम्बक नामक स्थान से जो की नासिक जिले है ,से निकलती है ...और पांच राज्यों महारास्त्र ,छतीसगढ़ ,ओड़िसा और आंध्रप्रदेश होकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है /
इसकी कुल लम्बाई १४६५ किलोमटर है /

यह कहा जाता है कि गौतम नाम के ऋषि अपनी पत्नी के साथ त्रियम्ब्केशेअर की पहाडियों में रहते थे / ऋषि के पास एक बड़ा गोदाम था जिसमे चावल भरा रहता था /एक दिन एक गाय ऋषि की कुटिया में घुसकर सारे चावल खा गई / जब ऋषि गई को घास खिलाने लगे ...तो वह गाय मर गई / ऋषि गोहत्या के पाप से डर गए /वे गोहत्या के पाप से मुक्त होना चाहते थे /उन्होंने शिव की प्रार्थना की ...कि वे त्रियाम्केश्वर आकर उनकी कुटिया को शुद करे / शिव त्रियम्बक के रूप में प्रगट हुए / और गंगा को लाये /

चुकि गौतम ऋषि की कृपा से गंगा यहाँ आई ....जिसके कारण इस गौतमी भी कहा जाता है /
अगर कहानी दूसरी है तो पाठकों से निवेदन है की वे भी अपना विचार दे /

Friday, December 17, 2010

पता ADDRESS


आपका पता क्या है
मेरा मोबाइल नंबर
9973927974

आदमी का पता क्या है
शैतान /हैवान /बेईमान ...
काश !!!
एक ही पता आदमी का भी होता
इंसान //

किताबे


मैं बेचैन था
क्योकि हवा गुम थी
किताबे ही आगोश में थी
क्योकि आपकी आँखें नम थी //

Wednesday, December 15, 2010

आईना


कमबख्त आईने
तुम भी दगा देते रहे
अब समझा ....
साठ की होकर भी
लोग कमसिन क्यों कहने लगे ?

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