Followers

Sunday, December 26, 2010

मोमबत्ती


जन्म क्या हुआ
बच्चे का
समय की एक
जलती हुई मोमबत्ती
प्रभु ने साथ में थमा दी //

अनवरत , अविरल ,अबूझ
समय की मोमबत्ती को
जिसने पहचाना
उसने ही पार की वैतरणी //

17 comments:

  1. जल कर रोशनी देना...सत्य...

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया रहस्यवादी कविता है जनाब,
    जहाँ कुछ रहस्य तो है परन्तु स्पष्ट भी है.
    "जिसने पहचाना,उसने ही पार की वैतरणी"

    ReplyDelete
  3. बहुत बढ़िया रहस्यवादी कविता है जनाब,
    जहाँ कुछ रहस्य तो है परन्तु स्पष्ट भी है.
    "जिसने पहचाना,उसने ही पार की वैतरणी"

    ReplyDelete
  4. समय की पहचान ही सबकुछ है!
    सुन्दर रचना!

    ReplyDelete
  5. Life is precious. WE should lead it keeping in mind that a day is fixed to leave this world.

    ReplyDelete
  6. प्रभु की इच्छा से ही सब कुछ
    नियत समय पर होता है
    भाग्य से ज़्यादा , समय से पहले
    कभी न कुछ भी मिलता है।

    ReplyDelete
  7. ati uttam....khubsurat hridayee panktiya hain...

    ReplyDelete
  8. bahut simit shabd ....but arthpoorn sandesh

    ReplyDelete
  9. जलती हुई मोमबत्ती के द्वारा एक अच्छा सन्देश............

    ReplyDelete
  10. Bahut Sandeshatmak kavita hai.....

    ReplyDelete
  11. rahen raushan ho isse to vaitarni paar hoti hai
    kai log prabhu kee is kripa se kisi ke ghar me aag laga dete hain ...

    ReplyDelete
  12. What a thought....!
    Much more in less words...!!

    ReplyDelete

Popular Posts