खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें
जिंदगी की रफ्तार में सब कुछ आस पास है लेकिन सबसे दूर
waah waah sach me inspiring he...Nilesh Shukla
bilkul sach kaha aapne pahle aadmi kam sekam insaan to bane. mere blog par aane vapna samarthan dene ke liye dil se aapki aabhari hin. poonam
सुन्दर कविता। बधाई।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति| आभार|
इंसान बनना आसान नहीं, अगर आप हिन्दू , मुस्लिम सिख या इसाई हैं तो पहले इन्ही चीजो को अपने आप से हटाना ही बहुत मुश्किल हैं खैर नामुमकिन नहीं है ,Lets hope for better...........
शैतान/हैवान/बेईमान ये बनने के लिए आदमी को ज्यादा कुछ करना नहीं पड़ता लेकिन "इंसान" बनने के लिए जो सच्चाई चाहिएवही आदमी भुला बैठा है..एकदम सही और कम शब्दों में आदमी की परिभाषा है..शुक्रिया!!!
जिंदगी की रफ्तार में सब कुछ आस पास है लेकिन सबसे दूर
ReplyDeletewaah waah sach me inspiring he...
ReplyDeleteNilesh Shukla
bilkul sach kaha aapne pahle aadmi kam sekam insaan to bane.
ReplyDeletemere blog par aane vapna samarthan dene ke liye dil se aapki aabhari hin.
poonam
सुन्दर कविता। बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति| आभार|
ReplyDeleteइंसान बनना आसान नहीं, अगर आप हिन्दू , मुस्लिम सिख या इसाई हैं तो पहले इन्ही चीजो को अपने आप से हटाना ही बहुत मुश्किल हैं खैर नामुमकिन नहीं है ,Lets hope for better...........
ReplyDeleteशैतान/हैवान/बेईमान
ReplyDeleteये बनने के लिए आदमी को ज्यादा कुछ करना नहीं पड़ता
लेकिन "इंसान" बनने के लिए जो सच्चाई चाहिए
वही आदमी भुला बैठा है..
एकदम सही और कम शब्दों में आदमी की परिभाषा है..
शुक्रिया!!!