रोमांटिक कविताएं
खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें
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Friday, December 17, 2010
किताबे
मैं बेचैन था
क्योकि हवा गुम थी
किताबे ही आगोश में थी
क्योकि आपकी आँखें नम थी //
2 comments:
रश्मि प्रभा...
December 17, 2010 at 8:44 AM
superb
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JAGDISH BALI
December 17, 2010 at 4:42 PM
Stupendous !
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ReplyDeleteStupendous !
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