खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें
ऐसा भी हो सकता है !
ख़तरा ! नोटों पर ? ऐसा ही लगता है.
वाह।
बहुत खूब ...।
Nice Sir G
मदमस्त चुम्बन.......क्योकि ...आज मेरे वालेट पर ख़तरा है .....हा हा हा .....
wah, very nice sir. happy new year.
जग जाहिर सत्य। बहुत खूब....
nice hahahahaha..............
अच्छी व्याख्या और विवेचना कितना सच्चा कितना अच्छा
ऐसा भी हो सकता है !
ReplyDeleteख़तरा ! नोटों पर ?
ReplyDeleteऐसा ही लगता है.
वाह।
ReplyDeleteबहुत खूब ...।
ReplyDeleteNice Sir G
ReplyDeleteमदमस्त चुम्बन.......क्योकि ...आज मेरे वालेट पर ख़तरा है .....हा हा हा .....
ReplyDeletewah, very nice sir. happy new year.
ReplyDeleteजग जाहिर सत्य। बहुत खूब....
ReplyDeletenice hahahahaha..............
ReplyDeleteअच्छी व्याख्या और विवेचना कितना सच्चा कितना अच्छा
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