रोमांटिक कविताएं
खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें
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Tuesday, December 21, 2010
मौसम का डिमांड है ( बाल -कविता )
छुई -मुई करती जाड़ा आया
कुहासे की उजली चादर बिछाया
घर के पंखे में लग गया ताला
अब धूप का ही होगा बोलबाला
सर्दी पर किसी का नहीं कमांड है
स्वेटर /कम्बल /सूट खरीदो
मौसम का यही डिमांड है //
4 comments:
JAGDISH BALI
December 21, 2010 at 8:49 PM
achchi lagI
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रश्मि प्रभा...
December 21, 2010 at 10:26 PM
bahut khoob
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Indranil Bhattacharjee ........."सैल"
December 22, 2010 at 12:20 AM
bahut badhiya!
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Yashwant R. B. Mathur
November 3, 2011 at 5:28 AM
बहुत खूब सर!
सादर
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achchi lagI
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeletebahut badhiya!
ReplyDeleteबहुत खूब सर!
ReplyDeleteसादर