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Tuesday, December 21, 2010

मौसम का डिमांड है ( बाल -कविता )


छुई -मुई करती जाड़ा आया
कुहासे की उजली चादर बिछाया
घर के पंखे में लग गया ताला
अब धूप का ही होगा बोलबाला
सर्दी पर किसी का नहीं कमांड है
स्वेटर /कम्बल /सूट खरीदो
मौसम का यही डिमांड है //

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