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Wednesday, February 29, 2012
सागर अब झील में बदला
एक अन्जाने अपरिचित पथ पर चलकर मैंने तुझको पाया
स्नेह,प्यार और कोमलता का , मिला है अनुपम छाया //
मन में तम का जो घेरा था ,वह उज्जवल प्रकाश में फैला
उथल-पुथल सागर सा मन ,अब विशाल शांत झील में बदला //
मारे कोई जब अब कंकड़ , उठती है मन में प्यार की उर्मियाँ
अब गीत लिखेंगी परोपकार के , मेरी यह पाँचों अंगुलियाँ //
Tuesday, February 28, 2012
प्रेम-हाइकु
Friday, February 24, 2012
फागुनी बयार
Saturday, February 18, 2012
महका दो मेरा घर-आँगन
Tuesday, February 14, 2012
तुम्हारे कपोल परागकणों से बने हैं
हैपी वैलेंटाइन डे
Friday, February 10, 2012
Wednesday, February 8, 2012
अनुभूति 5
Tuesday, February 7, 2012
आपकी मुस्कान
Friday, February 3, 2012
अनुभूति -४
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