Followers

Tuesday, January 11, 2011

अंगड़ाई


तुम मुस्काई ऐसे , जैसे मुस्काया टेसू का फूल
मन की पीड़ा और वेदना,देख तुम्हें गया मैं भूल
लाल-लाल कोमल सी अधरे,झरने का गीत सुनाए
सागर की लहरों सी ऊर्जा , देख तुम्हें मिल जाए //

मंद पवन का झोंका क्या लू ,तेरी अंगडाई ही काफी
बिन पिए नशा सा छाया , ओ मेरे जीवन साथी
हिरन सा अब दौडूगा, पक्षी बन नभ में सैर करूंगा
मत घबराना मेरे प्रियतम ,पग -पग साथ चलूँगा //

19 comments:

  1. प्रेम की सुंदर अनुभूति... बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  2. बहत ही नाजुक से ख्‍याल ..;।

    ReplyDelete
  3. पग पग तेरे साथ चलुंगा ! वाह वाह बहुत खुब ! सुन्दर रचना !

    ReplyDelete
  4. बबन जी प्रेम और दिल से समर्पण की किसी इन्सान के प्रति अच्छी अभिव्यक्ति !!!!!!!!!!!

    ReplyDelete
  5. बहुत खूब सर...अति सुन्दर

    ReplyDelete
  6. बबन जी , असलियत यही है की सच्चा प्यार उर्जा से भरपूर करने वाला होता है..............बहुत खूब!!!!

    ReplyDelete
  7. मत घबराना मेरे प्रियतम ,पग -पग साथ चलूँगा

    बहुत खूब ........

    चन्दन........

    ReplyDelete
  8. अच्छी रचना .
    कभी समय मिले तो हमारे ब्लॉग//shiva12877.blogspot.com पर भी अपनी एक नज़र डालें .

    ReplyDelete
  9. " पग _पग साथ चलूगाँ "
    बहूत खूब । बधाई ...!

    ReplyDelete
  10. बहुत सुन्दर रचना...
    बेहद सुन्दर... वाह...

    ReplyDelete
  11. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति...!
    ...अति सुन्दर !!

    ReplyDelete
  12. मकर संक्रांति, लोहरी एवं पोंगल की हार्दिक शुभकामनाएं...

    ReplyDelete
  13. bahut sundar premanubhuti sabd hai sir

    ReplyDelete

Popular Posts