शुरू में मुझे भी नहीं पता था कि ये गरीबी रेखा क्या होती है ....शायद ज्यामिति की तरह कोई रेखा हो ...
मगर जब मुझे इस सम्बन्ध में काम करने का मौका मिला ..तो सारी बाते स्पस्ट हो गई ॥
दरअसल, सरकारी योजनाओ के कार्यान्वयन में हो रही दिककत्तो को दूर करने के लिए यह अनिवार्य था ॥
.....गरीबी रेखा के निर्धारण के क्रम में कुल १३ सवाल जनता से पूछे जाते है ॥
कुछ सवालों का व्य्योरा निम्न प्रकार है
१) आप कितने भूमि के हक़दार है ॥
२)कितनी भूमि सिंचित है ॥
३) आप कहाँ तक पढ़े है
४)आप साल में कितने कपडे पहनते है ..इत्यादि
प्रत्येक सवाल के चार विकल्प है और पाच नंबर है ..शून्य से लेकर चार तक
अर्थात अधिकतम ५२ नंबर तक आ सकता है
निधारित मान्यता के अनुसार अगर किसी को १३ नंबर तक या उससे नीचे आता है तो उसे गरीबी रेखा के नीचे माना जाता है । गाँव में चलनेवाली सारी योजनाये १३ अंक लाने वाले व्यक्तियों तक सीमित कर दिया गया है ॥
फलतः सरकारी योजनायो का फायदा उठाने के लिए सब लोग तिकड़म लगाकर १३ या उससे नीचे का अंक प्राप्त करने को उतावले रहते है ।
इस कार्य को अंजाम देने के लिए अर्थात प्रश्न पूछने के कार्य में गुरु जी को/ प्रखंड के कर्मचारियों को लगाया जाता है।इनकी भूमिका संदेहस्पद मानी जाती है ।
एक बार सूचि बन जाने के बाद उसी के अनुरूप ग्रामवासियों को योजना का लाभ मिलता है ।
परन्तु मुखिया या ग्रामसेवक गाँव के भोले भले लोगों को डर दिखाकर..इंदिरा आवास एवं अन्य योजनाओ का लाभ दिलाने हेतु अवैध वसूली करते है । वसूली करने में गाँव वासी ही दलाल की भूमिका अदा करते है
चुकि रुपया लाभान्वित के बैंक खाता में जमा होता है इसलिए पकड़ में कोई नहीं आता ।
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nicely quoted....the benefits r always enjoyed by others while the needy r left in vain.....
ReplyDeleteसरकार द्वारा निर्धारित सभी १३ सवालों का व्योरा विकल्प सहित देते तो बहुत अच्छा अच्छा होता!
ReplyDeleteBabanji, Thanks for providing the information so clearly....
ReplyDeletethanks....Meena Garg ji , Ajay ji and Vijaylakshmi ji ...keep reading and commenting
ReplyDeletegud information,Bhai sahib............gareebi rekha bolte to sabhi hain par arth ab jyada clear hua hai..........thanx
ReplyDeleteBahut hi achchi janakari diya aapne...Danyabaad.
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