वैसे तो किसी भी देश और उसके नागरिकों की समृद्धि ,उन्नति मापने के अनेकों इंडेक्स ( सूचकांक ) है ..जिनमे प्रमुख है ...सकल घरेलु उत्पाद ,प्रति व्यक्ति आय ,बाड़ी - मास इंडेक्स ..ईत्यादी ।
भारत का पडोसी तथा सार्क देशों का सदस्य हिमालय की तराई में बसा छोटे से देश " भूटान " के प्रधान मंत्री श्री जिग्मी वाई ठीनले ने दिनाक २६-९-२०१० को बोधगया ( बिहार ) का भ्रमण किया । उन्होंने विश्व बिरादरी के समक्ष "ग्रौस नॅशनल हैपीनेस" नाम का एक नए सूचकांक का विकास मोडल पेश किया है । इस इंडेक्स में देशवाशियो की देश के प्रति भक्ति ,उनकी ख़ुशी और देश में धर्म के प्रति आस्था जैसे मानकों को शामिल किया गया है ।
भूटान एक बौद्ध देश है तथा बोधगया (बिहार ) में ,जो भगवान बुद्ध के ज्ञान -प्राप्ति स्थल के कारण पुरे विश्व में विख्यात है , इस देश का एक भव्य मंदिर है । भूटान के प्रधान -मंत्री ने बताया कि वे पश्चिमी देशों कि तरह विकास की अंधी -दौड़ में शामिल नहीं है । भूटान के विकास का पैमाना " धर्म ,आचार ,संस्कृति ,तथा पर्यावरण " की सुरक्षा से जुदा है । अध्यात्मिक ,वैज्ञनिक और भौतिक विकास भी साथ -साथ समन्वय स्थापित कर चलते है
धन्य है नन्हा सा भूटान । एक हम है कि विकास कि आधुनिकता को लेकर जिंदगी को रेस में बदल दिया है तथा अपनी शादाब्तियो पुराणी संस्कृति ,लोकाचार , अध्यात्म , योग नृत्य पर्यावरण को टाटा -बाय -बाय कह रहे है ।
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Aap ne bahut hi sahi udaharan diya hai...ham Bharat vasi jo aapni sabhyata aur sanskriti bhulakar pashchmi sabhyata ki nakal karane me lage hai...ko Bharatiya pahachan yad dilane ki ja aap ne pahal kiya hai...bahut hi sarahaniya hai...
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