खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें
रवि को रविकर दे सजा, चर्चित चर्चा मंचचाभी लेकर बाचिये, आकर्षक की-बंच ||रविवार चर्चा-मंच 681
मन को नम करती अभिव्यक्ति।
वाह ..
सुन्दर प्रस्तुति
भावो का सुन्दर समन्वय
बहुत खूब ... तुम नहीं तो तकिया गीला ... प्रेम की तरंगे लिए ...
वाह बब्बन भाई क्या बात है ..तू है तो चहूं ओर बंसत है....दिवाली की देर से शुभकामनाएं स्वीकार करें
रवि को रविकर दे सजा, चर्चित चर्चा मंच
ReplyDeleteचाभी लेकर बाचिये, आकर्षक की-बंच ||
रविवार चर्चा-मंच 681
मन को नम करती अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteवाह ..
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteभावो का सुन्दर समन्वय
ReplyDeleteबहुत खूब ... तुम नहीं तो तकिया गीला ... प्रेम की तरंगे लिए ...
ReplyDeleteवाह बब्बन भाई क्या बात है ..तू है तो चहूं ओर बंसत है....दिवाली की देर से शुभकामनाएं स्वीकार करें
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