Followers
Thursday, October 6, 2011
तेरी आँखें
तुम मेरे नैनों की ज्योति
देख तुम्हें छाती हरयाली
बिन देखे तेरा सुन्दर मुखड़ा
दिल भटकता जैसे बोतल खाली//
तुम बिन मैं ,बिन डोर पतंग
बिन सुरभि जैसे कोई सुमन
खोलो अपने नैन नशीले
मुझे पिला दो पूरी प्याली //
स्वेत कमल पर हो बैठे
दो काले भवरे जैसी आँखें
शशि आई है तुम्हें खोजने
कर दो अब यह रैन मखमली //
कभी हभी गुलज़ार हैं आँखें
कभी पजी तलवार है आँखे
तेरी आँखों में छुपा खजाना
करना है अब मुझे रखवाली //
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Popular Posts
-
बादलों के पीछे इन्द्रधनुष का प्रतिबिम्बित होना कमल के ऊपर भवरे का मचलना फूलों से लदकर कचनार की डाली का झुक जाना हरी दूब के उपर ओस ...
-
नीलगगन सी तेरी साडी गहने चमके जैसे मोती आओ प्रिय ,अब साथ चले हम बनके जीवन साथी // उपवन के फूलों सी जैसी खुशबू तेरे बालों की परागकणों से लद...
-
आह भी तुम, वाह भी तुम मेरे जीने की राह भी तुम छूकर तेरा यौवन-कुंदन उर में होता है स्पंदन पराग कणों से भरे कपोल हर भवरे की चाह तो तुम// छंद...
-
अनजान,अपरिचित थी तुम जब आई थी मेरे आँगन खोज रहे थे नैन तुम्हारे प्रेम ,स्नेह का प्यारा बंधन // जब आँगन में गूंजी किलकारी खिल उठे चहु ओर...
-
मैंने ख्वाहिशों के आसमान में अपने दिल की कूची से तुम्हारी मुस्कुराहटों का रंग लेकर इन्द्रधनुष बनाने की कोशिश की थी पर ... तुम...
-
गुम-शुम क्यों हो बैठी,गोरी चलो प्यार की फुलवारी में संभल कर चलना मेरे हमदम कहीं फंस न जाओ झाड़ी में // कर ना देना छेद कभी प्यार की इस पिच...
-
आज फिर तुम्हारी पुरानी स्मृतियाँ झंकृत हो गई और इस बार कारण बना वह गुलाब का फूल जिसे मैंने दवा कर किताबों के दो पन्नों के भूल गया गय...
-
बादल बरसे घनन -घनन पायल बाजे छनन -छनन मस्त पवन में बार-बार ,तेरा आँचल उड़ता जाए देख तुम्हारा रूप कामिनी, कौन नहीं ललचाए // हर पत्ता बोले...
-
तुमको पाकर , मैं चांदनी में नहा गया मगर कमबख्त सूरज खफा क्यों हो गया // आप आये थे ,रुमाल से मेरे अश्कों को पोछने मगर आप खुद ही अश्...
-
कई रंग देखे ,कई रूप देखे और देखें मैंने कितने गुलाब कई हंसी देखे,देखी कितनी मुस्कुराहटें मगर नहीं देखा तुमसा शबाब // (अपने मित्र अजेशनी...
सुन्दर रचना सुन्दर अभिव्यक्ति ,बधाई
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें .
वाह ...बहुत ही बढि़या ।
ReplyDeleteबड़े ही कोमल भाव पिरोये हैं।
ReplyDeleteबहुत सुंदर आंखें।
ReplyDeleteकोमल भाव ! सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeletekya bat hai sir ji.....sunder ati sunder
ReplyDeleteकभी हभी गुलज़ार हैं आँखें
ReplyDeleteकभी पजी तलवार है आँखे
तेरी आँखों में छुपा खजाना
करना है अब मुझे रखवाली //
बहुत हि सुंदर भाव
कभी हभी गुलज़ार हैं आँखें
ReplyDeleteकभी पजी तलवार है आँखे.
.बहुत ही बढि़या.