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Saturday, October 29, 2011

तुम हो तो !!


तुम हो तो
चहूँ ओर बसंत
तुम नहीं तो
हर मौसम का अंत //

तुम हो तो
मेरी कुछ नहीं चलती
तुम नहीं तो
मेरी डफली बजती //

तुम हो तो
चहूँ ओर है मेला
तुम नहीं तो
हर तकिया गीला //

7 comments:

  1. रवि को रविकर दे सजा, चर्चित चर्चा मंच

    चाभी लेकर बाचिये, आकर्षक की-बंच ||

    रविवार चर्चा-मंच 681

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  2. मन को नम करती अभिव्यक्ति।

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  3. भावो का सुन्दर समन्वय

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  4. बहुत खूब ... तुम नहीं तो तकिया गीला ... प्रेम की तरंगे लिए ...

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  5. वाह बब्बन भाई क्या बात है ..तू है तो चहूं ओर बंसत है....दिवाली की देर से शुभकामनाएं स्वीकार करें

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