भ्रस्टाचार को जड़- विहीन करने से पहले ,तुम्हें सत्य पर चलना होगा
काम, क्रोध ,लोभ ,मोह के चुम्बक से तुम्हें स्वं को हरना होगा
बिगुल फुकने वाले हर नेता को , स्वं उन्हें बदलना होगा
जन-जन को समझाने से पहले , तुम्हें स्वं से लड़ना होगा //
"अयं निजः परो बेति" का बीस-फूल तुम्हें मुरझाना होगा
कदम-कदम ,हर मोड़-मोड़ पर , बिष का प्याला पीना होगा
हर शबरी के घर में जाकर , उसका फल भी चखना होगा
गाँधी बनने से पहले , पहले उन्हें तुम्हें पढना होगा //
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सार्थक पुकार..
ReplyDeleteअयं निजः परो बेति" का बीस-फूल तुम्हें मुरझाना होगा
ReplyDeleteकदम-कदम ,हर मोड़-मोड़ पर , बिष का प्याला पीना होगा
हर शबरी के घर में जाकर , उसका फल भी चखना होगा
गाँधी बनने से पहले , पहले उन्हें तुम्हें पढना होगा //
काश पुकार समझ में आ जाती,.....सुंदर पोस्ट,...
बहुत अच्छी रचना,सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteनई रचना-काव्यान्जलि--हमदर्द-
बिलकुल सही और सार्थक पुकार| धन्यवाद|
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