क्यों न हम
भौतिकी का एक प्रयोग करें
लोहे को
चुम्बक से रगड़ो
उसमें आ जाता है
चुम्बकीय गुण ...//
हम भी चुम्बक
बन जायेगे
गर चलेगें
महापुरुषों द्वारा बनाई
पदचिन्हों पर ....//
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बहुत सुन्दर सार्थक सन्देश। गागर मे सागर भर दिया। बधाई।
ReplyDeletebahut sunder srijan kiya aapne...
ReplyDeletebahut badhai :)
bahut hi achi rachna
ReplyDeleteThode mein kitana kuchh kah dya hai apne .sarthak post.PLz visit my blog.
ReplyDeleteमहापुरुषों के पदचिन्ह ये हैं
ReplyDeleteआओ चलें इन पर सब मिलकर
सनातन है इस्लाम , एक परिभाषा एक है सिद्धांत
ईश्वर एक है तो धर्म भी दो नहीं हैं और न ही सनातन धर्म और इस्लाम में कोई विरोधाभास ही पाया जाता है । जब इनके मौलिक सिद्धांत पर हम नज़र डालते हैं तो यह बात असंदिग्ध रूप से प्रमाणित हो जाती है ।
ईश्वर को अजन्मा अविनाशी और कर्मानुसार आत्मा को फल देने वाला माना गया है । मृत्यु के बाद भी जीव का अस्तित्व माना गया है और यह भी माना गया है कि मनुष्य पुरूषार्थ के बिना कल्याण नहीं पा सकता और पुरूषार्थ है ईश्वर द्वारा दिए गए ज्ञान के अनुसार भक्ति और कर्म को संपन्न करना जो ऐसा न करे वह पुरूषार्थी नहीं बल्कि अपनी वासनापूर्ति की ख़ातिर भागदौड़ करने वाला एक कुकर्मी और पापी है जो ईश्वर और मानवता का अपराधी है, दण्डनीय है ।
यही मान्यता है सनातन धर्म की और बिल्कुल यही है इस्लाम की ।
अल्लामा इक़बाल जैसे ब्राह्मण ने इस हक़ीक़त का इज़्हार करते हुए कहा है कि
अमल से बनती है जन्नत भी जहन्नम भी
ये ख़ाकी अपनी फ़ितरत में न नूरी है न नारी है
bahot achchi baat.
ReplyDeleteसर जी बात तो आपकी बिल्कुल सही है और ये बात हर कोई जानता है पर आज के समय मे गॉंधी जी कौन बनना चाहता है। और अगर कोई बन भी गया तो ये समाज उसे ताने मार मार कर जीने नही देगा। क्योंकि आज के जमाने इसांन की पहचान उसकी सादगी से नहीं उसके रूतबे और पैसे से होती है।
ReplyDeleteआप के ब्लोग पर आ कर बहुत अच्छा लगा ! आप की बात पसंद आई ! मैं आप को फ़ोलो कर रह हूं ! कृप्या म्रेरे ब्लोग पर आ कर फ़ोलो करें व मर्ग प्रशस्त करे !
ReplyDeleteक्या ख़ूब कहा है पंडितजी आपने।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत कविता ...बधाई.
ReplyDelete'सप्तरंगी प्रेम' के लिए आपकी प्रेम आधारित रचनाओं का स्वागत है.
hindi.literature@yahoo.com पर मेल कर सकते हैं.
ज्यादातर समस्याओं का निकरण हो जायेगा, गुरुओं के मार्ग पर चलने से...आपका साधुवाद.
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