रोमांटिक कविताएं
खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें
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Sunday, November 20, 2011
तुम बिन
ये जिंदगी ,तुम बिन अँधेरी गली सी लगती है
चाँद कितना भी खिला हो, गोधूली सी लगती है /
तुम उपर से देखकर , मेरा खैर पूछ लेना
मुझे तो अब हर चमन, शूल सी लगती है /
हर शख्स अब अजनबी अनजाने से लगते हैं
मंदिर में अब तो रब भी , बेगाने से लगते है //
2 comments:
kumar sumant
November 20, 2011 at 4:11 AM
bahut hi accha hai ji
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Amrita Tanmay
November 21, 2011 at 1:16 AM
बढ़िया लिखा है.
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bahut hi accha hai ji
ReplyDeleteबढ़िया लिखा है.
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