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Wednesday, February 16, 2011
जब तुम आई मेरे संग
तेरे हंसने से हुआ सबेरा
और मौसम ने बदला रंग
तपती धूप पर छाई बदरा
जब तुम आई मेरे संग //
शबनम मोती बन जाती है
देख तुम्हारा चाल रुमाली
तेरे अधरों से रंग मांगती
रोज पूरब की लाली //
तुम्हें देख , पवन बसंती
नक़ल उतारती और इठलाती
उलझे गेसू देख तुम्हारे
काले बादल भी बलखाती //
रह -रह कर बिजली सी कौधे
तेरे मोतियों की माला
रूप तुम्हारा देख चांदनी
कौन लगाए मुंह पर ताला //
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बहुत ही सुन्दर शब्द ।
ReplyDeleteशबनम मोती बन जाती है
ReplyDeleteदेख तुम्हारा चाल रुमाली
तेरे अधरों से रंग मांगती
रोज पूरब की लाली // .... pandey jee sundar kavita...
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति...
ReplyDeletebahut khoobsurat rachna hai bhaiya apki .. bahut shubhkamnayen apko ... aise hi likhte rahiye .
ReplyDeletebahut hi sundar kavita
ReplyDeletebhut khub........bhut sundar rachna
ReplyDeleteआपकी रचनाओं में मासूमियत कहाँ से आती है?
ReplyDeletebahut khoob.........
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर शब्द रचना.
ReplyDeleteआप कविता लिख कर तस्वीर ढूंढते हैं या तस्वीर देख कर कविता कहते है?
ऐसा लगता है नीला रंग आप को बहुत पसंद है .
ReplyDelete'मिलिए रेखाओं के अप्रतिम जादूगर से '
aap k bhav ki tareef karni paregi.
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