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Sunday, November 4, 2012

हथेली


अमूमन ...
मुट्ठी पांच अँगुलियों से बनती है //
..
पर जब..
तुम रख देती हो
अपने पाँचों अंगुलियाँ
मेरी अँगुलियों पर
तब यह मुट्ठी
दस अँगुलियों की बनी होती है ..
जोश और ताकत से भरी //...

5 comments:

  1. साथ सदा ऊर्जामय होता है।

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  2. तब यह मुट्ठी
    दस अँगुलियों की बनी होती है ..
    जोश और ताकत से भरी //..

    .आपका ये ऊर्जा कायम रहे,,,,
    RECENT POST : समय की पुकार है,

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  3. आपके जोश और ताकत में उत्तरोतर वृद्धि हो …
    :)


    अच्छी कविता लिखी
    दीवाली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित…
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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  4. दस अँगुलियों से बनी मुट्ठी
    जोश और ताकत तो भर ही देती है...

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  5. http://ramkrishnakapana.blogspot.com/

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