रोमांटिक कविताएं
खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें
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Saturday, July 20, 2013
बेवफा कांटें
प्रत्यक्ष गवाह हैं
ये हरी पत्तियाँ
जब उन्मादी भवरे
आये थे ...
रस चूसने /फूलों का
ये बेवफा कांटें
दुबक कर
सिर्फ देखते रहे
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यक्ष प्रश्न
बादलों के पीछे इन्द्रधनुष का प्रतिबिम्बित होना कमल के ऊपर भवरे का मचलना फूलों से लदकर कचनार की डाली का झुक जाना हरी दूब के उपर ओस ...
मेरी सजनी
अनजान,अपरिचित थी तुम जब आई थी मेरे आँगन खोज रहे थे नैन तुम्हारे प्रेम ,स्नेह का प्यारा बंधन // जब आँगन में गूंजी किलकारी खिल उठे चहु ओर...
आह भी तुम, वाह भी तुम
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नीलगगन सी तेरी साडी
नीलगगन सी तेरी साडी गहने चमके जैसे मोती आओ प्रिय ,अब साथ चले हम बनके जीवन साथी // उपवन के फूलों सी जैसी खुशबू तेरे बालों की परागकणों से लद...
ख्वाहिशों के आसमान में
मैंने ख्वाहिशों के आसमान में अपने दिल की कूची से तुम्हारी मुस्कुराहटों का रंग लेकर इन्द्रधनुष बनाने की कोशिश की थी पर ... तुम...
प्यार की पिचकारी में छेद
गुम-शुम क्यों हो बैठी,गोरी चलो प्यार की फुलवारी में संभल कर चलना मेरे हमदम कहीं फंस न जाओ झाड़ी में // कर ना देना छेद कभी प्यार की इस पिच...
कौन नहीं ललचाए
बादल बरसे घनन -घनन पायल बाजे छनन -छनन मस्त पवन में बार-बार ,तेरा आँचल उड़ता जाए देख तुम्हारा रूप कामिनी, कौन नहीं ललचाए // हर पत्ता बोले...
ग़ज़ल -2012
तुमको पाकर , मैं चांदनी में नहा गया मगर कमबख्त सूरज खफा क्यों हो गया // आप आये थे ,रुमाल से मेरे अश्कों को पोछने मगर आप खुद ही अश्...
तुम बिन
तुम बिन मेरी अँखियाँ सूनी और सूनी हैं बाहें रुक-रुक कर अब लव हिलते हैं और साँसें भरती आहें // लौटो भी अब , जल्दी आओ अंखियों से रस-जादू बरस...
हम,तुम और गुलाब
आज फिर तुम्हारी पुरानी स्मृतियाँ झंकृत हो गई और इस बार कारण बना वह गुलाब का फूल जिसे मैंने दवा कर किताबों के दो पन्नों के भूल गया गय...