Followers
Tuesday, January 18, 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Popular Posts
-
बादलों के पीछे इन्द्रधनुष का प्रतिबिम्बित होना कमल के ऊपर भवरे का मचलना फूलों से लदकर कचनार की डाली का झुक जाना हरी दूब के उपर ओस ...
-
नीलगगन सी तेरी साडी गहने चमके जैसे मोती आओ प्रिय ,अब साथ चले हम बनके जीवन साथी // उपवन के फूलों सी जैसी खुशबू तेरे बालों की परागकणों से लद...
-
आह भी तुम, वाह भी तुम मेरे जीने की राह भी तुम छूकर तेरा यौवन-कुंदन उर में होता है स्पंदन पराग कणों से भरे कपोल हर भवरे की चाह तो तुम// छंद...
-
अनजान,अपरिचित थी तुम जब आई थी मेरे आँगन खोज रहे थे नैन तुम्हारे प्रेम ,स्नेह का प्यारा बंधन // जब आँगन में गूंजी किलकारी खिल उठे चहु ओर...
-
मैंने ख्वाहिशों के आसमान में अपने दिल की कूची से तुम्हारी मुस्कुराहटों का रंग लेकर इन्द्रधनुष बनाने की कोशिश की थी पर ... तुम...
-
गुम-शुम क्यों हो बैठी,गोरी चलो प्यार की फुलवारी में संभल कर चलना मेरे हमदम कहीं फंस न जाओ झाड़ी में // कर ना देना छेद कभी प्यार की इस पिच...
-
आज फिर तुम्हारी पुरानी स्मृतियाँ झंकृत हो गई और इस बार कारण बना वह गुलाब का फूल जिसे मैंने दवा कर किताबों के दो पन्नों के भूल गया गय...
-
बादल बरसे घनन -घनन पायल बाजे छनन -छनन मस्त पवन में बार-बार ,तेरा आँचल उड़ता जाए देख तुम्हारा रूप कामिनी, कौन नहीं ललचाए // हर पत्ता बोले...
-
तुमको पाकर , मैं चांदनी में नहा गया मगर कमबख्त सूरज खफा क्यों हो गया // आप आये थे ,रुमाल से मेरे अश्कों को पोछने मगर आप खुद ही अश्...
-
कई रंग देखे ,कई रूप देखे और देखें मैंने कितने गुलाब कई हंसी देखे,देखी कितनी मुस्कुराहटें मगर नहीं देखा तुमसा शबाब // (अपने मित्र अजेशनी...
माथे पर सजती तेरी बिंदी
ReplyDeleteजीवन-पथ आलोकित करती
दुनिया क्या है ,माया है
तेरी कंगना हमसे कहती // अति सुन्दर विवेचन, भाव I बधाई
अति सुन्दर अभिवयक्ति I प्रेम रस मानवी समाज का एक अभिन्न व् महत्वपूर्ण अंग है I प्रेम में भक्ति है, समर्पण है, त्याग है ईश्वरी शक्ति है इ इसके बिना तो जीवन ही नीरस व् अधूरा है I
fantastic
ReplyDeleteदुनिया क्या है ,माया है
ReplyDeleteतेरी कंगना हमसे कहती //
----------ab to hum asamajh me hai----viyog hai ya vairag hai????
बहुत खूब
ReplyDeleteवाह,,, क्या सुन्दर लिखा है. इस एक पंक्ति ने मेरा दिल जीत लिया.
ReplyDeleteमाथे पर सजती तेरी बिंदी ----
वाह बबन जी ..बहुत खूब इंसानी जीवन के निजी पलों को खूब उकेरा है शब्दों में और इन्सान कहाँ खोजे लोगों की आँखों में या डूब समुद्र की गहराइयों में...उन पलों को ..अच्छी निजी पलों में लोट आने की रिदयस्पर्शी आपिल ...अच्छी लगी पक्तियां !!!!!!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।
ReplyDeleteyaad aati hai unki itni ki
ReplyDeletedil aahein bharta hai
aankhei bheeg jaati hain
jaane kyon fir mujhe yun
akela chhod jaati hain ...............poonam
khoobsurat vicharo se nikli manohar prem k shabd or pukar ki aawaaazz..
ReplyDeletebahut sunder..
बहुत बढ़िया...........बहुत खूब.......प्रेम रस में सरोबार आपकी रचना बहुत बढ़िया है बबन जी......
ReplyDelete//लौटो भी अब , जल्दी आओ
अंखियों से रस-जादू बरसा दो
अधरों को अधरों पर रख कर
कोई भ्रमर-गीत नया बना दो //......बहुत खूब .
bahut badhiya
ReplyDeletebahut achha hai
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ,कमाल की प्रस्तुति
ReplyDeletevirah ki sundar rachana
ReplyDeletelaajawab
ReplyDeletePerm men dubi khubsurat rachana .
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना....!!
ReplyDeletehamen bhi bhaayi.....ye rachnaa bhaayi....!!!
ReplyDeletevery nice pic nad your blog
ReplyDeleteLyrics Mantra
Music Bol
kavita badi meethi si jaan padti hai, mere khayaal se thoda aur likha ja sakta tha.
ReplyDeletepraveena ji /
ReplyDeletejo bhav turant aatye likh dala ..
aage ke liye ab sochna hogaa /
koi kaam nhi h kya baba???
ReplyDeleteaaj tak koi isse samajh nhi paya h.....ladki cheej hi aisi h..........
wah..bahut hi sundar...sundar chitra ke sath atisundar kavita..bahut hi manohar rachna..prem ras me bhigi hui kamaal ki prastuti..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता है।
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना....!!
ReplyDeleteशब्दों एवं भावों का सुन्दर संयोजन !
ReplyDeleteअच्छी रचना ,परन्तु अपूर्ण सी लगी ...
wah ati sundar abhivakati ha
ReplyDeleteप्रेम रस मे डुवी अत्यन्त सुन्दर रचना .
ReplyDeletebahut hee sundar rachna;atee sunder
ReplyDeletemanbhavan kavita
ReplyDeleteआपका ज़वाब नहीं सर ,
ReplyDelete