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Tuesday, January 18, 2011

तुम बिन


तुम बिन मेरी अँखियाँ सूनी
और सूनी हैं बाहें
रुक-रुक कर अब लव हिलते हैं
और साँसें भरती आहें //

लौटो भी अब , जल्दी आओ
अंखियों से रस-जादू बरसा दो
अधरों को अधरों पर रख कर
कोई भ्रमर-गीत नया बना दो //

माथे पर सजती तेरी बिंदी
जीवन-पथ आलोकित करती
दुनिया क्या है ,माया है
तेरी कंगना हमसे कहती //

32 comments:

  1. माथे पर सजती तेरी बिंदी
    जीवन-पथ आलोकित करती
    दुनिया क्या है ,माया है
    तेरी कंगना हमसे कहती // अति सुन्दर विवेचन, भाव I बधाई

    अति सुन्दर अभिवयक्ति I प्रेम रस मानवी समाज का एक अभिन्न व् महत्वपूर्ण अंग है I प्रेम में भक्ति है, समर्पण है, त्याग है ईश्वरी शक्ति है इ इसके बिना तो जीवन ही नीरस व् अधूरा है I

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  2. दुनिया क्या है ,माया है
    तेरी कंगना हमसे कहती //
    ----------ab to hum asamajh me hai----viyog hai ya vairag hai????

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  3. वाह,,, क्या सुन्दर लिखा है. इस एक पंक्ति ने मेरा दिल जीत लिया.
    माथे पर सजती तेरी बिंदी ----

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  4. वाह बबन जी ..बहुत खूब इंसानी जीवन के निजी पलों को खूब उकेरा है शब्दों में और इन्सान कहाँ खोजे लोगों की आँखों में या डूब समुद्र की गहराइयों में...उन पलों को ..अच्छी निजी पलों में लोट आने की रिदयस्पर्शी आपिल ...अच्छी लगी पक्तियां !!!!!!!!

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  5. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना ।

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  6. yaad aati hai unki itni ki
    dil aahein bharta hai
    aankhei bheeg jaati hain
    jaane kyon fir mujhe yun
    akela chhod jaati hain ...............poonam

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  7. khoobsurat vicharo se nikli manohar prem k shabd or pukar ki aawaaazz..
    bahut sunder..

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  8. बहुत बढ़िया...........बहुत खूब.......प्रेम रस में सरोबार आपकी रचना बहुत बढ़िया है बबन जी......
    //लौटो भी अब , जल्दी आओ
    अंखियों से रस-जादू बरसा दो
    अधरों को अधरों पर रख कर
    कोई भ्रमर-गीत नया बना दो //......बहुत खूब .

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  9. bahut achha hai

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  10. बहुत बढ़िया ,कमाल की प्रस्तुति

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  11. virah ki sundar rachana

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  12. This comment has been removed by the author.

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  13. बहुत अच्छी रचना....!!

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  14. kavita badi meethi si jaan padti hai, mere khayaal se thoda aur likha ja sakta tha.

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  15. praveena ji /
    jo bhav turant aatye likh dala ..
    aage ke liye ab sochna hogaa /

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  16. koi kaam nhi h kya baba???
    aaj tak koi isse samajh nhi paya h.....ladki cheej hi aisi h..........

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  17. wah..bahut hi sundar...sundar chitra ke sath atisundar kavita..bahut hi manohar rachna..prem ras me bhigi hui kamaal ki prastuti..

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  18. बहुत सुन्दर कविता है।

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  19. बहुत अच्छी रचना....!!

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  20. शब्दों एवं भावों का सुन्दर संयोजन !
    अच्छी रचना ,परन्तु अपूर्ण सी लगी ...

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  21. wah ati sundar abhivakati ha

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  22. प्रेम रस मे डुवी अत्यन्त सुन्दर रचना .

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  23. bahut hee sundar rachna;atee sunder

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  24. आपका ज़वाब नहीं सर ,

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